सिद्धार्थ के जन्म का वृत्तांत
सिद्धार्थ के जन्म का वृत्तांत
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प्राचीन भारत में कैसा सुखी और समृद्ध राजकुमार सिद्धार्थ का उत्पत्ति हुआ। उनका पिता महाराजा सुधोदन महान थे और राजकुमारी महामाया ने उन्हें अत्यधिक प्यार से पालन पोषण get more info किया।
परंतु , उनकी जिंदगी में एक दिन निकट भविष्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया, जब उन्होंने समाज के दुख देखकर खुद को परिवर्तित करने का निर्णय लिया।
श्री बुद्ध का उपनिवेशन
यह प्रथम स्थान है जहाँ शाक्य प्रभु ने अन्वेषण की आरंभ की थी। यह प्राचीन काल से का एक गौरवशाली क्षेत्र है जहाँ लोग आध्यात्मिक सफ़र पर आते हैं ।
उस प्रदेश अनेक मान्यताओं का गढ़ है और हर वर्ष लाखों लोग यहाँ जाते हैं ।
बौद्ध का ज्ञानप्राप्ति
सच्चा विद्या पाने के लिए महामाया को त्याग किया, अलौकिक शक्ति के साथ अपने स्वयं के मनोवैज्ञानिकपरिणाम का विश्लेषण किया। अपने सत्य रास्ते पर चलते हुए, वो मेडिटेशन में डूबे रहे और अंततः वे एक नए ज्ञान से लैस हो गए जो मानवता के लिए एक ज्योति बन गया।
- निराशा से सीखते हुए, बुद्ध ने शांति| प्राप्त किया और इस ज्ञान को सभी के साथ साझा किया।
- उन्होंने विश्व की प्रकृति को समझा और पुनर्जन्म| का रहस्य {लिखा|गढ़ा।
धर्म में बुद्ध को एक महान संत| माना जाता है, जिन्होंने मानवता को मार्गदर्शन दिया।
बुद्ध के चार महा सत्य
जैसे की बुद्ध का धर्म ज्ञान पर आधारित है, वैसे ही उनके द्वारा उपदेशित किए गए चार आर्य सत्य इस धर्म के पत्थर हैं। ये सत्य सभी जीवों के जीवन में मौजूद हैं और इनका ज्ञान हमें जीवन का सही मार्ग दिखाता है। पहले आर्य सत्य है कि जीवन में कष्ट ही निवार्य नहीं है। दूसरा आर्य सत्य बताता है कि दुःख का कारण है लालच, क्रोध और अज्ञान। तीसरा आर्य सत्य हमें बताता है कि दुःख से मुक्ति प्राप्त करना संभव है। चौथा आर्य सत्य बताता है कि यह मुक्ति अहिंसा, क्षमा, निरंतर और बुद्ध के मार्ग का पालन करके प्राप्त की जा सकती है।
आश्रम के सदस्य
निर्वाण की ओर ले जाने वाले बुद्ध के प्रेरणा , सदैव ईश्वर से प्रेरित होकर, सच्चाई की खोज में समर्पित थे। उनकी बुद्धि संसारिक जीवन से मुक्ति पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी ।
- समर्पण
- साहस,
- दया,
बौद्ध धर्म की मूल बातें
भगवान बुद्ध ने जीवन को मार्ग साथ देना. उनकी शिक्षाएँ ज्ञान और बुद्धि की ओर इशारा करती हैं. उन्होंने {धर्ममानव जीवन पालन करने का आग्रह दिया. उनके उपदेशों में अनंत ज्ञान, परम सत्य, निर्वाण की प्राप्ति को समझने पर केंद्रित है.
- बुद्ध का उपदेशों का प्रभाव आज भी सम्मानित है।
- ज्ञान की खोज से ही हम बुद्ध के मार्ग पर यथार्थ को समझ सकते हैं.